देशहित और जनहित में बड़ा फैसला लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने भारत में ई सिगरेट को बैन कर दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में 18 सितंबर को हुई बैठक में कैबिनेट में यह फैसला लिया गया। इसके साथ ही कैबिनेट ने फैसले पर अमल के लिए प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने भारत में ई-सिगरेट के उत्पादन, बेचने, इंपोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और विज्ञापन पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है।
क्या होता है ई-सिगरेट?
आपको बता दें कि ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इनहेलर होता है, जिसमें निकोटिन और दूसरे तरह के लिक्विड केमिकल को भरा जाता है। ये इनहेलर बैट्री से चलता है। जो इसमें मौजूद लिक्विड को भाप में बदल देता है, जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है।
ई-सिगरेट से नुकसान?
ई-सिगरेट में जिस लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें कई बार निकोटिन के अलावा खतरनाक केमिकल भी होते हैं। साथ ही कुछ कंपनियां में फॉर्मल्डिहाइड का भी इस्तेमाल करती हैं, जो बेहद खतरनाक होता है और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को निमंत्रत देता है। इसके साथ ही डॉक्टरों का मानना है कि ई-सिगरेट का सेवन करने से व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा तकरीबन 56 फीसदी तक बढ़ जाता है। वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी पैदा हो सकती है.
हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन ने ई सिगरेट पर बैन का स्वागत किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा कि प्रधानमंत्री का यह बोल्ड निर्णय है। ई सिगरेट पर बैन, लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति सरकार के मजबूत इरादे को दिखाता है।
भारत से पहले किस देश में लगा बैन?
आपको बता दें कि न्यूयॉर्क में टीएनएजर्स और यूथ के बीच इस सिगरेट से बढ़ रही फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की तादाद को देखते हुए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई थी और फौरन ई-सिगरेट को पूरी तरह बैन कर दिया गया था।
ई-सिगरेट जैसे वैकल्पिक स्मोकिंग उपकरणों पर बैन लगाना, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के एजेंडे में शामिल था। जिस पर एक्शन लेते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है।